समकालीन किवता
समकालीन किवता युगीन यथार्थ और वास्तविकता को अभिव्यक्ति प्रदान
करती है।समकालीन किवयों ने सामाजिक अवयवसथा के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए
किवता को प्रगतिशील संकलप दिए। मोहभंग का शिकार हुए आम आदमी के अंदर की
पीडा, तनाव, विषमता आदि को सृजनातमक संस्पर्श पसतुत करने में, समकालीन किवता
का मर्म छिपा हआ है।ये कवि यथार्थ का दृष्टा-सृष्टा है।प्रकृति के प्रति इन कवियों ने
स्वस्थ दृष्टि अपनाई है। इन किवताओं मे पुराने मुल्यों के विघटन का चित्रण
है, वही विज्ञान के प्रभाव से नया विश्वास जन्म ले रहा है।
करती है।समकालीन किवयों ने सामाजिक अवयवसथा के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए
किवता को प्रगतिशील संकलप दिए। मोहभंग का शिकार हुए आम आदमी के अंदर की
पीडा, तनाव, विषमता आदि को सृजनातमक संस्पर्श पसतुत करने में, समकालीन किवता
का मर्म छिपा हआ है।ये कवि यथार्थ का दृष्टा-सृष्टा है।प्रकृति के प्रति इन कवियों ने
स्वस्थ दृष्टि अपनाई है। इन किवताओं मे पुराने मुल्यों के विघटन का चित्रण
है, वही विज्ञान के प्रभाव से नया विश्वास जन्म ले रहा है।
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